सूरत की 16 विधानसभा सीटों में से 9 पर कांग्रेस को पछाड़ दूसरे नंबर पर रही आप
आप ने कांग्रेस का खेल बिगाड़ा। इस बार विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की एंट्री ने मुकाबले को रोचक बना दिया था। हालांकि राजनीतिक विश्लेषक जो कयास लगा रहे थे वह सही साबित हुआ। आप भाजपा का तो कुछ नहीं कर पाई, लेकिन कांग्रेस का नुकसान कर गई।
आजादी के बाद से अब तक कांग्रेस जिस मांडवी सीट पर अजेय रही थी वह भी उसके हाथ से निकल गई। यही नहीं पिछले चुनाव मे वह जिन 15 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी, उनमें 9 पर इस बार तीसरे नंबर पर आ गई।
इन 9 सीटों पर इस बार आप नंबर दो रही। सूरत में आप ने कांग्रेस के 15-20 फीसदी वोट काटे।
चुनाव परिणाम के आंकड़ों का विश्लेषण करें तो पाएंगे कि भाजपा के 4-5 उम्मीदवारों को छोड़कर अधिकतर जितनी मार्जिन से जीते उतने या उससे ज्यादा वोट कांग्रेस और आप के उम्मीदवारों ने शेयर किए। अगर आप इन वोटों को नहीं काटती तो कांग्रेस दो या तीन सीटें जीत सकती थी।
आम आदमी पार्टी ने महानगर पालिका के चुनाव में भी कांग्रेस से विपक्षी पार्टी का दर्जा छीन लिया था।
विधानसभा चुनाव में भी उसने कांग्रेस के संख्या बल को कम कर दिया। आप के कारण ही पिछले चुनाव में राज्य की 77 सीटें जीतने वाली कांग्रेस इस बार 17 सीटों पर सिमट कर रह गई। आप ने राज्य में 12.9 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 40 लाख वोट हासिल किए। जबकि कांग्रेस का वोट प्रतिशत 42.60 प्रतिशत से घटकर 27 प्रतिशत पर आ गया।
चुनाव में कांग्रेस की विफलता उसकी अपनी निष्क्रियता भी रही है।
ऐसा लग रहा था कि कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों को अनाथ छोड़ दिया है। अगर कांग्रेस समय रहते अपनी कमियों को दूर करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाती तो सूरत में उसे अस्तित्व के खत्म होने के संकट का सामना करना पड़ सकता है।
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