अडाणी को लेकर सड़क से संसद तक हंगामा
हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट से अदाणी ग्रुप को लेकर सड़क से संसद तक तक हंगामा जारी है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से अदाणी के शेयर्स में भारी गिरावट हो रही है। इस बीच, विपक्ष ने भी अदाणी समूह पर जांच की मांग शुरू कर दी है। मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है।
हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट है क्या? तो चलिए इसके बारे में जानते हैं। हिंडनबर्ग रिसर्च एक वित्तीय शोध करने वाली कंपनी है, जो इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव मार्केट के आंकड़ों का विश्लेषण करती है। इसकी स्थापना साल 2017 में नाथन एंडरसन ने की है। इसका दफ्तर न्यूयार्क में है। हिंडनबर्ग रिसर्च हेज फंड का कारोबार भी करती है। इसे कॉरपोरेट जगत की गतिविधियों के बारे में खुलासा करने के लिए जाना जाता है।
इस कंपनी का नाम हिंडनबर्ग आपदा पर आधारित है जो 1937 में हुई थी, जब एक जर्मन यात्री हवाई पोत में आग लग गई थी, जिसमें 35 लोग मारे गए थे।
रिसर्च का काम क्या है
हिंडनबर्ग ने रिसर्च कंपनी यह पता लगती है कि शेयर मार्केट में कहीं गलत तरीके से पैसों की हेरा-फेरी तो नहीं हो रही है। कोई कंपनी अकाउंट मिसमैनेजमेंट तो खुद को बड़ा नहीं दिखा रही है। कंपनी अपने फायदे के लिए शेयर मार्केट में गलत तरीके से दूसरी कंपनियों के शेयर को बेट लगाकर नुकसान तो नहीं पहुंचा रही।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर हंगामा
25 जनवरी को हिंडनबर्ग ने अदाणी ग्रुप के संबंध में 32 हजार शब्दों की एक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के निष्कर्ष में 88 प्रश्नों को शामिल किया। रिपोर्ट में दावा किया गया कि यह समूह दशकों से शेयरों के हेरफेर और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि तीन साल में शेयरों की कीमतें बढ़ने से अदाणी समूह के संस्थापक गौतम अदाणी की संपत्ति एक अरब डॉलर बढ़कर 120 अरब डॉलर हो गई है। इस दौरान समूह की 7 कंपनियों के शेयर औसत 819 फीसदी बढ़े हैं।
कई शेल कंपनियां होने का आरोप
रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि मॉरीशस से लेकर संयुक्त अरब अमीरात तक टैक्स हेवन देशों में अदाणी परिवार की कई शेल कंपनियां हैं। इनसे भ्रष्टाचार, मनी लांड्रिंग की गई। पैसे की हेराफेरी भी की गई। अदाणी ग्रुप ने हिडनबर्ग को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
इस पर हिंडनबर्ग ने कहा कि वह अपनी रिपोर्ट पर पूरी तरह से कायम है। अगर अदाणी गंभीर हैं, तो उन्हें अमरिका में भी मुकदमा दायर करना चाहिए, जहां हम काम करते हैं। हमारे पास पर्याप्त दस्तावेज हैं।
कमाने में लगे दो साल, गंवाने में सिर्फ 27 दिन
सितंबर 2022 में 150 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ गौतम अडानी दुनिया के तीसरे सबसे अमीर उद्योगपति थे, लेकिन सिर्फ पांच महीनों में उनका नेटवर्थ गिरकर 47.4 अरब डॉलर रह गया है। फोर्ब्स बिलेनियर लिस्ट मं गौतम अडानी तीसरे नंबर से खिसकर 26वें नंबर पर पहुंच गए हैं।
उनका नेटवर्थ मात्र 47.4 अरब डॉलर रह गया है। अगर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद उनकी संपत्ति में गिरावट को देखें तो 24 जनवरी को उनका नेटवर्थ 121 अरब डॉलर था। आज वो गिरकर 50 अरब डॉलर से भी नीचे पहुंच गया है।
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