होली खत्म होने के साथ ही हिन्दुओं के नए साल के आगमन का इंतजार शुरू हो गया है।
चैत्र में ही हिन्दुओं का नववर्ष शुरू होता है। हिन्दी पंचांग का पहला महीना चैत्र अब शुरू हो गया है। अभी कृष्ण पक्ष चल रहा है। 15 दिनों बाद शुक्ल पक्ष में नए हिन्दू कैलेंडर की शुरुआत हो जाएगी। इस दौरान कई पर्व-त्योहार मनाए जाएंगे।
इस माह शीतला सप्तमी-अष्टमी के साथ-साथ चैत्र नवरात्रि, गुड़ी पड़वा जैसे कई बड़े पर्व मनाए जाएंगे। दरअसल, ऐसी मान्यता है कि ब्रह्माजी ने इस महीने की शुक्ल प्रतिपदा से इस पूरी सृष्टि की रचना करना शुरू की थी। इस माह के शुक्ल प्रतिपदा से क्या-क्या बदल जाएगा।
चैत्र मास से हिन्दुओं का नववर्ष शुरू होगा
चैत्र माह से हिन्दुओं का नववर्ष शुरू हो जाता है। 21 मार्च को चैत्र अमावस्या पर संवत् 2079 खत्म हो जाएगा और 22 तारीख से संवत् 2080 शुरू हो जाएगा। इस महीने में भगवान गणेशजी के व्रत-उपवास करने की पहली चतुर्थी 10 मार्च को रहेगी। इस दिन आप विधि विधान से उनकी पूजा कर सकते हैं।
इसके बाद दूसरी चतुर्थी 25 मार्च को रहेगी। यदि आप भगवान विष्णु के परम भक्त हैं तो 18 मार्च को पहली एकादशी होगी। इस दिन आप भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना कर सकते हैं। वहीं चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी और अष्टमी तिथि का महत्व काफी अधिक है। इन तिथियों पर शीतला माता को ठंडे खाने का भोग लगाया जाता है।
21 मार्च को रहेगा चैत्र अमावस्या
चैत्र कृष्ण पक्ष की आखिरी तारीख 21 मार्च को रहेगी। यानी इस दिन अमावस्या होगी। इस दिन पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध, धूप-ध्यान, दान-पुण्य आदि शुभ काम किए जाते हैं। इसके बाद 22 मार्च से नवरात्रि शुरू हो रही है। इसी दिन गुड़ी पड़वा है और नवसंवत् 2080 शुरू हो जाएगा। इस बार तिथियों की घट-बढ़ नहीं होने से नवरात्रि पूरे नौ दिन की ही रहेगी।
30 अप्रैल को मनाया जाएगा रामनवमी
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की प्रगट उत्सव यानी रामनवमी 30 मार्च को रहेगी। इसी तिथि पर श्रीराम चरित मानस ग्रंथ की जयंती भी मनाई जाती है। 6 अप्रैल को हनुमान जी का प्रकट उत्सव और चैत्र पूर्णिमा है। इस महीने की पूर्णिमा तिथि पर चित्रा नक्षत्र रहता है, इसी वजह से हिन्दी पंचांग के पहले महीने का नाम चैत्र पड़ा है।
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