उगते सूर्य की पूजा करें और जरूरतमंदों को दान दें
भानु सप्तमी फाल्गुन मास की सप्तमी तिथि इस बार विशेष संयोग लेकर आ रहा है। इससे पहले आपको बता दें कि भानु सप्तमी क्या है और इस बार यह इतना खास क्यों है? फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को भानु सप्तमी के नाम से जानते हैं।
भानु सप्तमी इस बार 26 फरवरी यानी रविवार को होगा। चूंकि इस बार रविवार को होने से योग बन रहा है। ऐसा योग 13 साल के बाद बन रहा है। इसलिए इस बार काफी विशेष है। आपको बता दें कि इससे पहले 2010 में ऐसा हुआ था। अब इस तरह का अगला योग 2037 को बनेगा। इसलिए सूर्य पूजा और व्रत करने सें कई पुण्यकारी लाभ मिलेंगे।
इस दिन पर सूर्य पूजा का है महत्व
भानु सप्तमी पर सूर्य पूजा का विशेष महत्व है। जैसा की इसके नाम से ही जाहिर है। शास्त्रों के अनुसार सूर्य को विष्णु रूप में पूजा करनी चाहिए। सूर्य पूजा और व्रत करने से पुण्य मिलता है। इस दिन सूर्य देव की पूजा के साथ-साथ सूर्य को अर्घ्य भी देना चाहिए। विधिवत पूजा करने से भक्तों के कष्ट दूर होते हैं। कहा जाता है कि व्रत करने से शारीरिक कष्ट दूर होते हैं।
भानु सप्तमी के दिन यह है शुभ मुहूर्त
इस दिन की शुरुआत और इसके समापन की बात करें तो इस 26 फरवरी को सुबह साढ़े 12 बजे से शुभ मुहूर्त शुरू हो जाएगा और अगले दिन यानी 27 फरवरी को यह 12 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। हालांकि जगह के अनुसार समय में कुछ बदलाव हो सकते हैं, इसलिए अपने पंडितजी से इस बारे में जान लेना आवश्यक है। 26 फरवरी को इंद्र योग के साथ-साथ त्रिपुष्कर योग भी बन रहा है। इस तरह भक्तों के लिए काफी पुण्यकारी होगा।
उगते सूर्य की पूजा करें और दान दें
सबसे पहले उठकर पवित्र नदी में स्नान करें। हालांकि कई बार आसपास नदी होती है। ऐसे में गंगाजल की कुछ बूंदें जल में मिलाकर स्नान कर सकते हैं। इसके बाद उगते सूर्य की पूजा करें। इस दिन फलाहार करना चाहिए। विधिवत व्रत रखें और पूजा-अर्चना करें और दान अवश्य करें। इससे बड़ा पुण्य मिलता है। अगले दिन फिर सूर्य देव को अर्घ्य देकर पारण करना चाहिए।
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