इसे किसी भी मौसम खाया जा सकता है, लेकिन सर्दियों में इसे खाने का मजा ही कुछ और है।
फरा या गोइठा उत्तर भारत का लोकप्रिय पारंपरिक व्यंजन है। इसे किसी भी मौसम खाया जा सकता है, लेकिन सर्दियों में इसे खाने का मजा ही कुछ और है। फरा खासकर बिहार और उत्तर प्रदेश में बहुत चाव के साथ खाया जाता है। हालांकि इससे मिलता-जुलता व्यंजन उड़ीसा में भी फेमस है। इस व्यंजन की खास बात यह है कि इसमें तेल का इस्तेमाल नहीं होता है। इसे भाप से पकाया जाता है।
तला नहीं होने के कारण यह स्वास्थ्यवर्धक होता है। फरा चना या उड़द की दाल और चावल के आंटे से बनता है। इसे उड़द की दाल या चने की दाल या दोनों की मिक्स दाल से भी बना सकते हैं। दाल की पीठी और चावल के आटे के मिलन से बना फरा एक संतुलित और स्वास्थ्यवर्धक आहार है।
मात्रा- 3 से 4 लोग लोगों के लिए बनाने का समय- 40 से 45 मिनट
सामग्री
3 से 4 लोगों के लिए फरा बनाना हो तो- 250 ग्राम उड़द या चने की दाल
अदरक– 15 ग्राम बारीक पिसा हुआ
हींग- एक चुटकी
लाल मिर्च पाउडर- 5 ग्राम
चावल का आटा- 250 ग्राम
नमक- स्वाद के अनुसार
तो चलिए बनाते हैं फरा
फरा या गोइठा बनाने के लिए सबसे पहले आपको उड़द या चने की दाल को रातभर पानी में भिगोना होगा। आप चाहें तो बनाने के 3 या 4 घंटे पहले भी भिगो सकते हैं। बाद में इसे पानी से निकाल लें। अब उसमें अदरक, नमक और लाल मिर्च पाउडर मिला लें। अब इस मिश्रण को मिक्सर में बारीक पीस लें। इसमें पानी बिल्कुल नहीं डालना है। अब चावल के आटे में थोड़ा सा नमक डाल कर लें। इसकी लोई बना लें और अंगुलियों से थोड़ा फैलाकर इसमें मसाला मिक्स दाल भर दें। उसके बाद जब सभी लोई में दाल भर जाए तो 15 से 20 मिनट तक भाप में पका लें। पकने के बाद इसे हरी धनिया या पुदीने की चटनी के साथ परोसें।
ऐसे ही कंटेंट के लिए देखे कैमफायर न्यूज |