बॉलीवुड के हीमैन ने अपने कमाल के अभिनय से सबके दिलों पर राज किया
गोविंदा, बॉलीवुड के हीमैन। यह नाम सुनते ही निश्चित रूप से बस एक ही शख्स ध्यान में आता है और वे हैं धर्मेंद्र। जिनका असल नाम धरम सिंह देओल है। अपनी दमदार एक्टिंग और एक्शन की वजह से धर्मेंद्र आज तक लोगों के दिलों पर राज करते हैं। अपने हर किरदार से अमिट छाप छोड़ दिया।
हालांकि धर्मेंद्र अपने फिल्मी करियर को लेकर जितनी चर्चा में रहे हैं, उससे ज्यादा उनकी निजी जिंदगी ने भी लाइमलाइट बटोरी है। अपनी शराब की लत की वजह से कई बार विवादों में भी रहे। एक बार तो शराब के नशे में उन्होंने अपने पिता के साथ ही उलझ पड़े थे। हालांकि अंधेरे के कारण उन्हें लगा था कि उनका नौकर है। उन्हें इसका काफी अफसोस हुआ और उस किस्से को याद कर आज भी शर्मिंदा हो जाते हैं।
गोविंदा अपने एक्शन के दम पर हीमैन कहलाने वाले धर्मेंद्र का रोमांटिक फिल्मों में भी महारात हासिल था।
उन्होंने कई रोमांटिक और सामाजिक फिल्में भी कीं। यही नहीं उन्होंने राजनीति में भी शोहरत हासिल की। धर्मेंद्र ने 2004 में भाजपा के टिकट पर राजस्था्न के बीकानेर से चुनाव लड़े और उसमें विजय हासिल कर 5 साल ताक वहां की जनता का लोकसभा में प्रतिनिधित्वर किया। धर्मेन्द्र का जन्म 8 दिसंबर 1935 को लुधियान के एक गांव में हुआ था।
यहीं से गोविंदा ने मैट्रिक की परीक्षा पास की। हालांकि पढ़ाई से ज्यादा उनकी रुचि फिल्मों में थी। वे अक्सर पढ़ाई के बहाने फिल्में देखने चले जाते थे। उनकी शादी 19 साल की उम्र में ही हो गई थी। हालांकि उन्होंने दो शादियां की हैं। पहली उनकी पहली पत्नी प्रकाश कौर हैं। जिनके तीन बच्चे हैं- सनी देओल, बॉबी देओल और बेटी अजिता देओल। उनकी दूसरी पत्नी हिंदी सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री और ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी हैं। उनकी दो बेटियां हैं। ईशा और अहाना देओल है।
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि धर्मेंद्र फिल्मों में आने से पहले रेलवे में क्लर्क थे।
फिल्मी करियर की शुरुआत 1960 में फिल्म दिल भी तेरा हम भी तेरे से की। वे अब तक 300 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके हैं। तीन दशक तक फिल्मी दुनिया पर राज करने वाले धर्मेंद को शुरुआत में काफी संघर्ष करना पड़ा।
बताते हैं कि फिल्मफेयर के एक प्रतियोगिता के दौरान अर्जुन हिंगोरानी को धर्मेंद्र पसंद आ गए। हिंगोरानी ने अपनी फिल्म दिल भी तेरा हम भी तेरे के लिए 51 रुपए साइनिंग एमाउंट उन्हें दिया। पहली फिल्म में नायिका कुमकुम थीं। हालांकि पहली फिल्म से कुछ विशेष पहचान नहीं बन पाई। इसलिए अगले कुछ साल संघर्ष जारी रहा। संघर्ष के दिनों में जुहू में एक छोटे से कमरे में रहते थे। बाद में उन्होंने एक से फिल्में की।
कुछ अविस्मरणीय फिल्में जैसे अनुपमा, मंझली दीदी, सत्यकाम, शोले, चुपके-चुपके आदि।
बता दें कि धर्मेंद्र अपने स्टंट बिना डुप्लीकेट की सहायता के स्वयं ही करते थे। धर्मेंद्र को बॉलीवुड में उनके शानदार सफर के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी सम्मांनित किया गया है। इसके अलावा वह पद्म भूषण से भी सम्मारनित किए जा चुके हैं।
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