इस मंदिर की कलाकारी देख आपकी नजरें टिकी रह जाएंगी
केरल का पद्मनाथ मंदिर यदि आप मंदिराें में घूमने के शाेकीन हैं और देश के अलग-अलग मंदिराें का इतिहास जानने की इच्छा रखते हैं ताे केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के पूर्वी किले के भीतर स्थित श्री पद्मनाथ स्वामी मंदिर आपके लिए बिल्कुल सही जगह हाे सकता है। यह मंदिर भगवान विष्णु का मंदिर है। यह मंदिर केरल और द्रविड़ वास्तुशिल्प शैली का अनुपम उदाहरण है। इसे दुनिया का सबसे धनी मंदिर माना जाता है।
यह मंदिर केरल के धार्मिक स्थल में
केरल का पद्मनाथ मंदिर अपनी अलग पकड़ बनाए बैठा है। भगवान विष्णु के इस मंदिर को बड़ी ही कलाकारी से बनाया गया है। जीवंत हो उठने वाली मूर्तियां व उत्तम श्रेणी की वास्तुकला मंदिर के हर एक कोने को जागृत कर देती है। यह देश का सबसे प्राचीन विष्णु मंदिर है। यहां सबसे ज़्यादा भक्त नवंबर, दिसंबर, मार्च व अप्रैल के अंतर्गत कुछ विशेष त्योहारों पर आते हैं। धार्मिक होने के साथ ही आप इस लुभा देने वाली जगह पर घूमने के लिए आ सकते हैं। आपकाे बता दें कि यह सबसे मशहूर केरल के दर्शनीय स्थल में से एक है।
श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर का इतिहास 8वीं सदी से मिलता है। यह विष्णु के 108 पवित्र मंदिरों में एक है जिसे भारत का दिव्य देसम भी कहते हैं। दिव्य देसम भगवान विष्णु का सबसे पवित्र निवास स्थान है जिसका उल्लेख तमिल संतों द्वारा लिखे गए पांडुलिपियों में मिलता है।
आपकाे जानकर आश्चर्य हाेगा कि केरल की राजधानी
केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम का नाम श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रमुख देवता के नाम पर है जिन्हें अनंत भी कहा जाता है। शब्द ‘तिरुवनंतपुरम’ का शाब्दिक अर्थ है– श्री अनंत पद्मनाभस्वामी की भूमि।
इस मंदिर का वास्तुशिल्प पत्थर और कांसे पर की गई नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर के अंदरूनी हिस्सों में सुंदर चित्र और भीति चित्र उकेरे गए हैं। यहां अगर आप ट्रेन से आ रहे हैं ताे सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन तिरुवनंतपुरम है और अगर हवाई जहाज से रहे हैं ताे तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डा आना हाेगा। यहां से आपकाे 6 किमी की दूरी तय करनी हाेगा।
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