एक ऐसा मंदिर जहां आपको इतिहास जानने के लिए गाइड की जरूरत नहीं होगी…
उज्जैन का इतिहास बारकोड को स्कैन करके आप जन सकते हैं। उज्जैन का श्री महाकालेश्वर भारत में 12 प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से एक है। महाकालेश्वर मंदिर की महिमा का विभिन्न पुराणों में आपको उल्लेख मिल जाएगा। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि उज्जैन भारतीय समय की गणना के लिए केंद्रीय बिंदु हुआ करता था। महाकाल को उज्जैन का विशिष्ट पीठासीन देवता माना जाता था।
समय के देवता, शिव अपने सभी वैभव में उज्जैन में शाश्वत शासन करते हैं। हालांकि आज आपको यहां का महाकाल के बारे में नहीं बल्कि श्री महाकाल महालोक परिसर के बारे में आपको बताने जा रहे हैं। जो अभी हाल में ही में बनकर तैयार हुआ है। इस परिसर में भगवान शिव की जिन कथाओं का महाभारत, वेदों तथा स्कंद पुराण के अवंती खंड में उल्लेख है, उन्हीं कथाओं को अब धर्मनगरी उज्जैन में जीवंत किया गया है।
ये इतिहास और वर्तमान का अद्भुत संगम हैं।
ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के पास नवनिर्मित श्री महाकाल महालोक परिसर में इन कथाओं को दर्शाती भव्य प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। वह इसलिए क्योंकि इतिहास से लिए गए धार्मिक प्रसंगों को कंप्यूटर से आधुनिक डिजाइन के जबरदस्त मेल से तैयार किया गया है। एक ओर जहां संस्कृत के प्राचीन मंत्र उकेरे गए हैं, वहीं इसे बारकोड से जोड़ा गया है।
उज्जैन का इतिहास बारकोड को स्कैन करके आप पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। ओडिशा के विशेषज्ञ कलाकारों द्वारा बनाई इन प्रतिमाओं में गुजरात की फर्म ने आधुनिकता से जोड़ा है, ताकि आज के युवा अपने इतिहास को अच्छी तरह से समझ सकें। इस पूरे नवनिर्मित प्रांगण में करीब 200 छोटी-बड़ी मूर्तियां हैं। प्रतिमाओं को पारंपरिक शैली के बजाय अनूठे और नए ढंग से बनाया गया है ताकि इनसे आधुनिक पीढ़ी भी जुड़ सके। इन्हें तैयार करने वाले कलाकारों ने पहले गहन शोध किया, फिर कंप्यूटर पर प्रतिमाएं डिजाइन कीं।
नवनिर्मित महाकाल प्रांगण में 108 विशाल स्तंभ भी बनाए गए हैं।
इन पर महादेव के परिवार के चित्र उकेरे गए हैं। यह चित्र भी प्रतिमा के स्वरूप में बने हैं और इनमें शिव, शक्ति, कार्तिकेय और गणेश की लीलाओं का वर्णन है। 20.25 हेक्टेयर में बने व करीब 920 मीटर लंबे महाकाल परिसर की विशेषता होगी कि यहां किसी गाइड की आवश्यकता नहीं होगी। मूर्तियां स्वयं ही अपनी कहानी बताते हुए इतिहास की जानकारी देंगी। क्योंकि प्रत्येक प्रतिमा के सामने एक बारकोड उपलब्ध है।
वहीं महाकाल लोक के पूरे कॉरिडोर में देश की सबसे लम्बी भित्ति चित्र वाली दीवार है। इस दीवार पर पत्थरों पर शिव कथाएं उकेरी गई हैं। महाकाल लोक में बच्चों, वृद्ध, दिव्यांगों और महिलाओं का विशेष ध्यान रखते हुए ईकार्ट की व्यवस्था की गई है, वह भी नि:शुल्क। इस बार जब भी आप यहां घूमने आएंगे तो यहां सबकुछ बदला-बदला सा नजर आएगा और आपके आस्था को और दोगुना कर देगा।
ऐसे ही कंटेंट के लिए देखे कैमफायर न्यूज |