जंगल घूमने के शौकीन हैं तो कान्हा राष्ट्रीय उद्यान जाएं
भारतीय तेंदुओं, आप अगर जंगल घूमने के शौकीन हैं और एडवेंचर पसंद करते हैं तो अपने देश के कई जंगल आपके इस शौक को पूरा कर सकते हैं। राजस्थान में रणथम्भौर और सारिस्का के जंगल, गुजरात में गिरनार, बंगाल में सुंदरबन, असम में कांजीरंगा आदि सैंकड़ों जंगल हैं।
आज हम आपको मध्यप्रदेश के कान्हा राष्ट्रीय उद्यान की सैर कराने की कोशिश करेंगे। एशिया के सबसे सुरम्य और खूबसूरत वन्यजीव रिजर्वों में से एक है भारतीय तेंदुओं, कान्हा राष्ट्रीय उद्यान। यहां काला हिरण, बारहसिंगा, सांभर और चीतलों को एकसाथ देखा जा सकता है। मंडला और जबलपुर शहर से सड़क मार्ग द्वारा ‘कान्हा राष्ट्रीय उद्यान’ तक पहुंचा जा सकता है।
मध़्य प्रदेश का सबसे बड़ा उद्यान
कान्हा बाघ अभयारण्य मध्य प्रदेश राज्य में स्थित है। यह मध्य प्रदेश राज्य का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है। कान्हा को राष्ट्रीय उद्यान 1 जून 1955 को और बाघ अभयारण्य वर्ष 1973 में धोषित करा गया। यह राज्य के बालाधाट और मंडला ज़िले में 940 वर्ग किमी में फैला है। वर्तमान में कान्हा क्षेत्र को दो अभयारण्यों में विभाजित किया गया है, हॉलन और बंजार क्रमशः 250 और 300 वर्ग किमी में है।
आकर्षण
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में बंगाल टाइगर, भारतीय तेन्दुआ, स्लोथ रीछ, बारहसिंगा, सुस्त भालू, भारतीय जंगली कुत्ते की महत्वपूर्ण आबादी है। इसके अलावा यहां चीतल, नीलगाय, जंगली सूअर, गौर, भैंसे, सियार आदि हजारों पशु और पक्षियों का झुंड है।
रूडयार्ड किपलिंग के प्रसिद्ध उपन्यास द जंगल बुक में दर्शाया गया जंगल इस रिजर्व सहित जंगलों पर आधारित है। यह आधिकारिक रूप से शुभंकर, “भूरसिंह द बारासिंघा” का परिचय कराने वाला भारत का पहला बाघ अभयारण्य है।
फ्लाइट से ऐसे पहुंचे
बालाघाट का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट बिरवा है। बिरवा बैहर तहसील का एक गाँव है। यह जबलपुर डिवीजन के अंतर्गत आता है। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान यहाँ से 15 किमी की दूरी पर है|
ट्रेन से ऐसे पहुंचे
बालाघाट रेलवे जंक्शन जबलपुर, गोंदिया, कटंगी से सतपुड़ा रेलवे मार्ग से जुड़ा हैं। ट्रेन से जबलपुर से बालाघाट तक के लिए 2 सीधी ट्रेन हैं। जबलपुर से बालाघाट पहुँचने में 5.27 घंटा है।
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