अगर आपका मन अध्यात्म में रमता है और आप आस्था के गोते लगाना चाहते हैं तो माघ मेला में आइए।
माघ मेला, जब पवित्र गांगा-यमुना के मिलन से उत्पन्न लहरें आपके तन-मन को भिगोएंगी तो आप अध्यात्म की ऐसी अनुभूति करेंगे जिसे शब्दों में ढालना संभव नहीं। माघ का महीना, त्रिवेणी संगम का तट, शीत लहर के झोंके, श्रद्धालुओं की भीड़ और हवाओं में घुले भजन-कीर्तन के पवित्र शब्द आपको एक अलग दुनिया में ले जाएंगे। माघ मेला हर वर्ष जनवरी-फरवरी में प्रयागराज के संगम तट पर लगता है।
यह मेला मकर संक्रांति को प्रारंभ होता है और महा शिवरात्रि को संपन्न होता है। 45 दिवसीय माघ मेला कल्पवास के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि ये दिन 4 युगों में कुल वर्षों की संख्या के बराबर हैं। कल्पवासी के रूप अपने पिछले जन्म के पापों को दूर कर सकते हैं।
पौराणिक महत्व
प्रयागराज पौराणिक नगरी है। पुराणों के अनुसार भगवान ब्रह्मा ने इसे तीर्थराज अर्थात तीर्थों का राजा कहा है। उन्होंने गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर प्राकृष्ठ यज्ञ किया था। ऐसी मान्यता है कि माघ के धार्मिक अनुष्ठान के फलस्वरूप प्रतिष्ठानपुरी के नरेश पुरुरवा को अपनी कुरूपता से मुक्ति मिली थी। वहीं भृगु ऋषि के सुझाव पर व्याघ्रमुख वाले विद्याधर और गौतम ऋषि द्वारा अभिशप्त इंद्र को भी माघ स्नान के महाम्त्य से ही श्राप से मुक्ति मिली थी।
पद्म पुराण के महात्म्य के अनुसार-माघ स्नान से मनुष्य के शरीर में स्थित उपाताप जलकर भस्म हो जाते हैं। इस साल पौष पूर्णिमा से शुरुआत, इस बार के माघ मेला की शुरुआत पौष मास की पूर्णिमा यानी 6 जनवरी 2023 को पहले स्नान के साथ होगी। माघ मेले में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं।
पवित्र स्नान की तिथियां
पौष पूर्णिमा- 6 जनवरी
मकर संक्रांति- 14-15 जनवरी
माघी पूर्णिमा- 5 फरवरी
महाशिवरात्रि- 18 फरवरी
मौनी अमावस्या- 21 फरवरी
कैसे पहुंचें
हवाई मार्ग: संगम से नजदीकी इलाहाबाद (बमरौली) हवाई अड्डा है। एयर इंडिया और इंडिगो सभी दिल्ली, मुंबई , कोलकाता और बेंगलुरु जैसे शहरों से इलाहाबाद के लिए नियमित उड़ानें संचालित करती है।
रेल मार्ग: प्रयागराज जंक्शन, प्रयाग जंक्शन। छिवकी जंक्शन और नैनी जंक्शन रेलवे स्टेशन पर उतर कर आप संगम जा सकते हैं। स्टेशन से टैक्सी, ऑटो या बस ले सकते हैं। प्रयागराज पहुंचने के लिए लगभग हर बड़े शहर से ट्रेन मिल जाएगी।
सड़क मार्ग:
प्रयागराज पहुंचने के लिए आप अपने निजी वाहन या बस से जा सकते हैं।
सूरत से दूरी- 1400 किमी
दिल्ली से दूरी- 750 किमी
मुंबई से दूरी- 1400 किमी
कोलकाता से दूरी- 800 किमी
बेंगलुरु से दूरी- 1750 किमी
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