अपने भारत देश के अलग-अलग भागों में रहन सहन के साथ खानपान की विशेष संस्कृति भी है।
मावा मखाना और लाखों तरह के व्यंजन हैं और उन्हें बनाने के तरीके अलग-अलग हैं। आज हम आपको मावा मखाना की सब्जी के बारे में बताएंगे और यह भी बताएंगे कि मावा मखाना की सब्जी विशेष रूप से किस प्रदेश और किस समुदाय में मशहूर है। मावा मखाना की सब्जी राजस्थान व उसके आसपास के प्रदेशों में लोकप्रिय है। यह बहुत ही स्वादिष्ट सब्जी है। इसका स्वाद लाजवाब होता है।
मात्रा- तीन से चार लोगों के लिए
बनाने का समय- 35 से 40 मिनट
सामग्री
मखाना- 50 ग्राम
मावा- 200 ग्राम
टमाटर- 2 मध्यम आकार के
अदरक पेस्ट- एक छोटा चम्मच
घी- एक चौथाई कप
हल्दी पाउडर- आधा छोटा चम्मच
कश्मीरी लाल मिर्च- आधा छोटा चम्मच
धनिया पाउडर- आधा छोटा चम्मच
जीरा पाउडर- एक छोटा चम्मच
गरम मसाला- एक छोटा चम्मच
नमक- स्वाद के अनुसार
ऐसे बनाएं मावा मखाना की सब्जी
कड़ाही गैस पर चढ़ाएं। थोड़ा गर्म होने पर इसमें मखाने को भून लें। अब इसे एक बर्तन में निकाल लें। कढ़ाई में मावा डालकर धीमी आंच पर पिघलने तक गर्म करें। अब इसमें घी मिला लें। अब काटा हुआ टमाटर दल दें। फिर व इसमें पिसे हुए मसाले डालें। अब स्वादानुसार नमक मिलाएं।
धीमी आंच पर 3-4 मिनट तक इसे पकाएं। जब घी मसाला छोड़ने लगे और सतह पर उतरने लगे तो इसमें आधा कप गर्म पानी डालें और अवश्यकता के अनुसार कड़ाही में मलाईदार ग्रेवी बनाएं। आप चाहें तो पानी में भिगोकर रखी हुई 2 छोटे चम्मच किशमिश और भुने काजू भी सब्जी में मिला सकते हैं। अब आपकी मावा मखाना की सब्जी बनकर तैयार है। इसे खुद भी खाएं और मेहमानों को भी खिलाएं।
देश के 6 राज्यों में ही क्यों है विधान परिषद?
हमें अपने देश की संवैधनिक व्यवस्था के बारे में जानना चाहिए। हममें से अधिकतर लोग इस बारे में जानने के इच्छुक नहीं होते हैं। हालांकि हमें इस बारे में थोड़ा बहुत तो जानना ही चाहिए। आज हम इसी पर चर्चा करेंगे। देश के सभी राज्यों में विधानसभा तो हैं, लेकिन विधान परिषद कुछ ही में है।
विधान परिषद सिर्फ 6 राज्यों में है।
ये राज्य आंध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश हैं। असम और ओडिशा में विधान परिषद बनाने को संसद ने मंजूरी दे दी है। पहले 7 अन्य राज्यों में भी विधान परिषद थी, लेकिन खत्म कर दिया गया।
जिन राज्यों में विधान परिषद हैं, उन्हें राज्य में उच्च प्रतिनिधि सभा का दर्जा हासिल है। विधान परिषद के सदस्यों का चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके से होता है। इसमें भी राज्यसभा की तरह कुछ सदस्य मनोनीत किए जाते हैं। इनका मनोनयन राज्यपाल करते हैं। विधान परिषद क्या है, इसकी भूमिका क्या होती है, इसके सदस्यों का चुनाव कैसे होता है? चलिए इसके बारें में जानते हैं।
संवैधानिक व्यवस्था
संविधान में राज्यों के लिए दो सदनों वाले विधानमंडल का प्रावधान है, लेकिन यह बाध्यकारी नहीं है। अधिकतर राज्यों ने एक सदन वाले विधानमंडल का विकल्प चुना है। दो सदनों वाले विधानमंडल के संचालन में खर्च अधिक आता है। इसके अलावा विधानपरिषद की शक्तियां बहुत सीमित होती हैं, इसलिए भी राज्य इस प्रणाली को नहीं अपनाते।
चौथा मामला संवैधानिक प्रावधान का है, जिसमें कहा गया है कि विधानपरिषद में कम से कम 40 सदस्यों की अनिवार्यता भी एक कारण है। 120 सदस्यों से कम सीटों वाले राज्य में विधान परिषद नहीं हो सकती। संविधान के अनुच्छेद 169, 171(1) एवं 171(2) में विधान परिषद के गठन का प्रावधान है। ये राज्यसभा की ही तरह स्थायी सदन है, इसलिए इसे भंग नहीं किया जा सकता।
इसके सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है।
हर दो साल पर एक तिहाई सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो जाता है। विधान परिषद के हर सदस्य को एमएलसी (मेंबर ऑफ लेजिसलेटिव काउंसिल) कहा जाता है। विधान परिषद का आकार राज्य की विधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या के एक तिहाई से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसकी
सदस्य संख्या 40 से कम भी नहीं होनी चाहिए।
चुनाव: विधान परिषद के लगभग एक तिहाई सदस्य विधानसभा के सदस्यों द्वारा चुने जाते हैं।
जबकि एक तिहाई निर्वाचिका द्वारा, जिसमें नगरपालिकाओं के सदस्य, जिला बोर्डों और राज्य में अन्य प्राधिकरणों के सदस्य मतदान करते हैं। 1/12 सदस्यों का चुनाव निर्वाचिका द्वारा ऐसे व्यक्तियों का किया जाता है, जो कम से कम तीन वर्षों तक राज्य के भीतर शैक्षिक संस्थाओं (माध्यमिक विद्यालयों से नीचे नहीं) में अध्यापन कर रहे हों।
अन्य 1/12 का चुनाव पंजीकृत स्नातकों द्वारा किया जाता है, जो तीन वर्ष से अधिक समय पहले पढ़ाई समाप्त कर चुके हों। शेष सदस्य राज्यपाल द्वारा मनोनीत होते हैं। ये साहित्य, विज्ञान, कला, सहयोग आन्दोलन और सामाजिक सेवा में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोग होते हैं।
योग्यता
-भारत का नागरिक हो
-न्यूनतम 30 वर्ष की आयु हो
-मानसिक रूप से अक्षम व दिवालिया न हो
-जहां से चुनाव लड़ रहा हो, वहां की मतदाता सूची में उसका नाम हो
-चुने जाने के समय वह संसद का सदस्य न हो
किस राज्य में विधान परिषद की सदस्य संख्या कितनी
राज्य – सदस्य
आंध्र प्रदेश – 58
बिहार – 75
कर्नाटक – 75
महाराष्ट्र – 78
तेलंगाना – 40
उत्तर प्रदेश – 100
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