क्या आप जानते हैं कि फाल्गुन मास में क्या संदेश छिपा है?
फाल्गुन मास का महीना चल रहा है। इसे खास तौर पर रंगों का त्योहार होली से जोड़कर देखते हैं। बड़े, बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं सभी होली पर्व का बेसब्री से इंतजार करते हैं। हालांकि अब होली में चंद दिन ही बाकी रह गए हैं। फाग गीत अब जगह-जगह सुनाई भी देने लगे हैं। कहा जाता है कि होली की खुमारी अलग ही होती है।
इसलिए होली को सकारात्म ऊर्जा का प्रतीक भी माना जाता है। होली का पर्व जीत के उत्सव का भी महीना है। फाल्गुन मास में देखा जाए तो कई तीज-त्योहार होते हैं। इसलिए ये काफी आनंदायक और ऊर्जावान महीना होता है। इसके लिए नववर्ष की शुरुआत हो जाएगी।
फाल्गुन मास हिंदी कैलेंडर का आखिरी मास होता है
हिंदू धर्म को मानने वालों के लिए फाल्गुन मास इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि यह साल का आखिरी महीना होता है। हिंदी कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन मास के समाप्त होते हैं ही नववर्ष का आगमन हो जाएगा। यह नववर्ष होली के खत्म होने के बाद शुरू होता है। यानी हिंदू धर्म के अनुसार होलिका दहन के साथ साल की समाप्ति भी हो जाती है।
फाल्गुन का महीना हमें यह सिखाता है
क्या आप जानते हैं कि फाल्गुन का महीना हमें क्या संदेश देता है? इस महीने में सकारात्मक भाव छिपा होता है। यही इस महीने की खासियत है। सकारात्मक सोच रखेंगे तो किसी भी हालात में आप विचलित नहीं होंगे और परेशानियों से जल्दी बाहर निकल जाएंगे। इस महीने में होने वाले पर्व भी यही संदेश लेकर आते हैं। इसलिए तो होली इतना खास होता है। होली का पर्व खुशियों से लबरेज होता है।
इसी महीने होता है आंवला एकादशी
अच्छी सेहत के लिए आंवला बहुत जरूरी है। आंवला काफी गुणकारी होता है। कई रोगों से लड़ने की क्षमता रखता है। इसलिए आंवला एकादशी पर आंवले की पेड़ की पूजा की जाती है। इसलिए आंवला का सेवना किया जाता है। इससे सेहत अच्छी बनी रहती है। महिलाएं इस पूजा को बहुत ही लगन के साथ करती हैं।
फाल्गुन मास में कई संदेश छिपे हुए हैं
फाल्गुन मास की आखिरी तिथि को होली का उत्सव मनाया जाएगा। रंगों का यह त्योहार कई संदेश लेकर आता है। होली सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है। इस पर्व को आनंद, प्रेम और सद्भावना से जोड़ा गया है। इसलिए ग्रंथों में होली का भी विशेष जिक्र है।
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