नव वर्ष पर सैर सपाटे का प्लान बना रहे हैं तो हम आपको इस बार पांडिचेरी जाने की सलाह देंगे।
पांडिचेरी के समुद्र तट, रूफटॉप कैफे, बोटिंग गार्डन, आश्रम इसे एक ड्रीम डेस्टिनेशन बनाती हैं।नव वर्ष पर सैर सपाटे का प्लान बना रहे हैं तो हम आपको इस बार पांडिचेरी जाने की सलाह देंगे। यहां का सूर्योदय आपको दैवीय अनुभूति देगा। यहां की फ्रांसीसी औपनिवेशिक शैली की इमारतें आकर्षित करती हैं। पांडिचेरी न्यू ईयर और क्रिसमस के दौरान लुभाती हैं। यह नव वर्ष का जश्न मनाने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है।
नव वर्ष को यहां प्रति व्यक्ति खर्चा लगभग 3 हजार से 5 हजार के आसपास पड़ेगा। यहां लोग सुंदर समुद्र तटों और तत्कालीन सभ्यता की झलक पाने के लिए जाते हैं। पर्यटन ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टि से भी यह स्थान बहुत लुभावना है।
पांडिचेरी केंद्र शासित प्रदेश है। यहां कभी पल्लव वंश का राज था, तो कभी चोल वंश का शासन रहा।
इसके बाद इसे फ्रांसीसियों ने अपने कब्जे में ले लिया था। इसीलिए इसे भारत का छोटा फ्रांस कहा जाता है। यहां भारतीय-फ्रांसीसी संस्कृति का मिश्रण देखने को मिलता है। यहां करीब 55 भाषाएं बोली जाती है। यह प्राचीनकाल से शिक्षा और वैदिक संस्कृति का केंद्र रहा है। पांडिचेरी पुड्डुचेरी, कराईकाल, माहे और यनम से मिलकर बना है।
नव वर्ष यहां घूमने के लिए बेस्ट है। पांडिचेरी के समुद्री तट यनम मंदिरों और नारियल के पेड़ से घिरा हुआ है। जबकि माहे अरब सागर के दक्षिण-पश्चिम, पोन्नियार नदी के उत्तर और मध्य ऊंचाई पर स्थित पर्वत से घिरा हुआ है। इसी तरह प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर कराईकल उनके लिए हैं, जो एकांत और शांति की तलाश कर रहे हैं। कराईकल चेन्नई के दक्षिण से लगभग 300 किमी और पांडिचेरी से 135 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
आकर्षण एक, बोट हाउस, चुन्नाम्बर:
पांडिचेरी से 8 किमी दूर चुन्नाम्बर नदी में आप बोटिंग का आनंद उठा सकते हैं। नदी के दोनों किनारों पर फैली हरियाली के बीच जल विहार करना रोमांचक होता है।
आकर्षण दो, श्री अरबिंदो आश्रम:
महर्षि अरविंद द्वारा स्थापित श्री अरबिंदो आश्रम योग साधना का केंद्र है। यहां जाकर आप
आत्मिक शांति का अनुभव कर सकते हैं। यहां महर्षि अरविंद और श्री मां की संगमरमर की समाधि बनी हुई है।
आकर्षण तीन, ऑरोविल:
ऑरोविल को सिटी ऑफ डॉन (सूर्योदय का नगर) कहा जाता है। यह पांडिचेरी से 10 किमी दूर है। यहां 40 बस्तियों में अलग-अलग देशों के लोग रहते हैं। यहां साइकिल से सैर करने की अलग ही है।
आकर्षण चार, स्मारक:
पांडिचेरी के स्मारक यहां के इतिहास को बयान करते हैं। जैसे ‘आयी मंडप’ फ्रांस में नेपोलियन-तृतीय के शासनकाल के दौरान बनाया गया था। इसका नाम 16वीं शताब्दी की एक वेश्या ‘आयी’ के नाम पर पड़ा। इस वेश्या ने अपना घर तोड़ कर वहां एक पानी का टैंक बना दिया था।
आकर्षण पाँच, संग्रहालय:
यह प्राचीन वस्तुओं के लिए प्रसिद्ध है। इनमें पुरातत्व, भू-भौतिकी, वास्तुकला, शिल्पकला, कला वस्तुओं, मुद्रण और शस्त्रों के कई अलग-अलग विभाग हैं। यहां पल्लव, चोल तथा विजयनगर की संस्कृति की झलक मिलती है।
आकर्षण छह, लाइट हाउस:
27 मीटर ऊंचा लाइट हाउस 150 साल पुराना है। समुद्र के सामने महात्मा गांधी, जॉन आर्क, डूप्ले की प्रतिमाएं लगी हैं।
आकर्षण सात, बॉटनिकल गार्डन:
1826 में बने बॉटनिकल गार्डन में आपको पौधों की 1500 प्रजातियां देखने को मिलेंगी। यह शहर के औपनिवेशक हिस्से के मध्य स्थित है। इसके चारों ओर अधिकतर सरकारी इमारतें हैं। इसमें उप राज्यपाल का निवास, विधानसभा और सरकारी अस्पताल है। इसके अलावा एक होटल भी है।
आकर्षण आठ, धार्मिक स्थल:
पांडिचेरी में लगभग 32 मंदिर हैं। इनमें मनाकुला विजयनगर, श्री वेदापुरीस्वरार, कामतचियाम्मलै तथा वरदराजपरुमल मंदिर प्रसिद्ध हैं। सेक्रेड हार्ट ऑफ जीसस, कैथेड्रल, एग्लाइस डे नार्टे डेमे एइस एंजल्स चर्च भी जा सकते हैं।
ठहरने के स्थान:
होटल डेल ओरिएंट, 17 न्यू रोमेन रोलैंड और होटल डि पांडिचेरी। हैरिटेज विला हेलेना, विला पांडिचेरी और आनंदा।
कैसे पहुंचे ?
हवाई मार्ग:
पांडिचेरी से सबसे नजदीकी हवाई अड्डा चेन्नई है, जो लगभग 150 किमी दूर है। यह देश ही नहीं विदेश के भी प्रमुख शहरों से हवाई मार्ग से जुड़ा है। यहां पहुंचने के बाद आप पांडिचेरी के लिए किराये पर टैक्सी ले सकते हैं।
सड़क मार्ग: पांडिचेरी का निकटतम रेलवे स्टेशन
विल्लुपुरम जंक्शन है जो 37 किमी दूर है। ये रेलवे स्टेशन रेल नेटवर्क के माध्यम से चेन्नई, त्रिची और मदुरै जैसे स्थानों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
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