एक समय ऐसा था जब देश में छात्र राजनीति का बोलबाला था।
छात्र राजनीति बड़ा नेता बनने की पाठशाला थी। छात्र राजनीति ने देश को कई बड़े नेता दिए। इनमें से कुछ बाद में देश के प्रधानमंत्री भी बने। कुछ केंद्र में मंत्री बने तो कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री बने। आज भी देश के तीन राज्यों में ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत छात्र राजनीति से की थी।
इनमें नीतीश कुमार, ममता बनर्जी और अशोक गहलोत प्रमुख हैं। आज हम आपको ऐसे नेताओं के बारे में बताएँगे जिन्होंने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत छात्र राजनीति से की और आज सफल नेता हैं। छात्र राजनीति से दिग्गज नेता बने नीतीश कुमार, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते हुए छात्र नेता के तौर पर उभरे थे। वह बिहार अभियंत्रण महाविद्यालय स्टुडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष रहे हैं।
उन्होने जेपी आंदोलन और युवाओं की ‘छात्र संघर्ष समिति’ में अहम भूमिका निभाई।
1975-77 के बीच आपातकाल में वह जेल भी गए। 1985 में लोक दल से विधायक चुने गए और 1989 के बाद छह बार लोकसभा चुनाव जीता। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वह रेल मंत्री रहे। नीतीश कुमार वर्ष 2005 में पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने थे।
छात्र राजनीति से ही तेज़तर्रार रही हैं ममता बनर्जी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 1970 में कोलकाता में कांग्रेस के छात्र संगठन, ‘छात्र परिषद’, के साथ जुड़ीं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में उन्होने जादवपुर लोकसभा सीट से पहली बार चुनाव लड़ा और दिग्गज वाम नेता सोमनाथ चटर्जी को हराया।
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में ‘पश्चिम बंगाल यूथ कांग्रेस’ की अध्यक्ष और फिर नरसिंह राव की सरकार में मानव-संसाधन मंत्री बनीं।
वर्ष 1997 में उन्होने कांग्रेस से अलग होकर अपनी पार्टी, ‘ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस’ बनाई और 14 साल बाद, 2011 में पश्चिम बंगाल का चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री बनीं। छात्र राजनीति की रह चल आगे बढ़े अशोक गहलोत, राजस्थान के मुख्यमंत्री भी छात्र राजनीति से निकले नेता हैं। राजस्थान में 1998 में पहली बार अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने। अशोक गहलोत का जन्म 3 मई 1951 को हुआ था। गहलोत ने विज्ञान और कानून में स्नातक और अर्थशास्त्र विषय से स्नाकोत्तर की डिग्री प्राप्त की।
विद्यार्थी जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहने वाले गहलोत 7वीं लोकसभा के लिए 1980 में जोधपुर संसदीय सीट से निर्वाचित हुए। बाद में उन्होंने इसी सीट से 8वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं लोकसभा का चुनाव भी जीता। इस दौरान गहलोत कांग्रेस की केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे। अशोक गहलोत पहली 1998 और दूसरी बार 2008 में मुख्यमंत्री बने थे।
छात्र नेता रहे लालू प्रसाद यादव देश के रेल मंत्री भी बने
लालू प्रसाद यादव जब पटना यूनिवर्सिटी में वकालत की पढ़ाई कर रहे थे तब स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष बने। उन्होने 1973 में फिर छात्र संघ का चुनाव लड़ने के लिए पटना लॉ कॉलेज में प्रवेश लिया। वह चुनाव जीत गए। उसके बाद वह जेपी आंदोलन से जुड़े और छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष बने। वह 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर लोक सभा चुनाव जीते। 29 साल के लालू प्रसाद यादव सबसे युवा सांसदों में से एक बने। बाद में उन्होने राष्ट्रीय जनता दल की स्थापना की। 1990-97 के बीच लालू प्रसाद बिहार के मुख्यमंत्री रहे। वह यूपीए सरकार में 2004-09 तक रेल मंत्री भी रहे।
छात्र राजनीति से चमके अजय माकन
कांग्रेस के नेता अजय माकन 1985 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र संघ के अध्यक्ष बने थे। बाद में वह दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन के संघ के अध्यक्ष बने। 1993, 1998 और 2003 में वह दिल्ली से विधायक रहे। 2004 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीता। वह आवास और शहरी विकास मंत्री, खेल मंत्री और गृह राज्य मंत्री रहे। वर्ष 2015 में दिल्ली के चुनाव में कांग्रेस की अध्यक्षता की, पर एक भी सीट नहीं जीत पाए।
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