वसंत पंचमी से लेकर सूर्य सप्तमी का रहेगा व्रत
जनवरी के अंतिम तो माघ का पूरा महीना ही पर्व और त्योहारों से भरा होता है। लेकिन इस बार जनवरी 2023 के अंतिम सात दिन बहुत ही खास होना वाला है। वजह है- इन सात दिनों के अंदर पड़ने वाले ढेर सारे पर्व। इसलिए तो हिंदुओं के लिए माघ का महीना काफी पवित्र माना जाता है। इस दौरान लोगों में भक्ति-भाव, पूजा-पाठ का दौर अधिक देखने का मिलता है। आइए सबसे पहले बात करते हैं गुप्त नवरात्र की। यह 22 जनवरी से शुरू हो गई है, लेकिन यह 30 जनवरी तक रहेगी।
ये माघ मास का नवरात्र है। इन दिनों दस महाविद्याओं के रूप में में देवी की पूजा और आराधना की जाती है। जिनका तंत्र शक्तियों और सिद्धियों में विशेष महत्व है। इन दिनों में तिल चौथ, वसंत पंचमी और सूर्य सप्तमी जैसे पर्व भी होंगे। यही कारण है कि ये नवरात्र और खास हो जाता है।
साल में चार बार नवरात्रि आती है।
इनमें से दो प्रकट और दो गुप्त नवरात्रि होती हैं। चारों ही सिद्धि देने वाली होती हैं। मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में की गई पूजा-आराधना से मनोकामना पूरी होती है और परेशानियों से मुक्ति मिलती है। गुप्त नवरात्र में साधक सन्यासी, सिद्धि पाने के लिए देवी की उपासना करते हैं। गुप्त नवरात्रि में नौ दिन के लिए कलश स्थापना की जा सकती है।
कलश स्थापना करने पर सुबह-शाम मंत्र जाप, चालीसा या सप्तशती का पाठ करें। साथ ही आरती भी करें। मां के लिए सबसे सरल और उत्तम भोग है लौंग और बताशा। मां के लिए लाल फूल सर्वोत्तम होता है। पूरे नौ दिन अपना खान-पान और आहार सात्विक रखें |
इन माताओं की होती है पूजा:
जनवरी के अंतिम गुप्त नवरात्रि में माता की 10 महाविद्याओं की आराधना की जाती है। इनके नाम हैं काली, तारा, षोडशी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छित्रमस्तका, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला। वसंत पंचमी यानी विद्यारंभ की शुरुआत इस बार वसंत पंचमी 26 जनवरी को होने वाली है। माघ शुक्ल में पांचवीं तिथि को वसंत पंचमी मनाई जाती है। इस दिन मां सरस्वती की आराधना की जाता है। मंदिरों, घरों और स्कूलों में देवी सरस्वती की पूजा कर विद्या-बुद्धि के लिए प्रार्थना की जाती है। इस दिन विद्यारंभ संस्कार करते हुए कई बच्चों की पढ़ाई शुरू की जाती है। बच्चों को पहला शब्द लिखना सिखाया जाता है।
सूर्य सप्तमी पर तीर्थ स्नान करें और अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त करें
माघ शुक्ल के सातवें दिन यानी सप्तमी पर सूर्य पूजा का विधान शास्त्रों में बताया गया है। इस दिन सूर्योदय के समय तीर्थ स्नान के लिए जाते हैं। ये माना जाता है कि इस समय के दौरान तीर्थ स्नान करने पर बीमारियों से मुक्ति मिलती है और उसे एक अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होता है। इस कारण रथ सप्तमी को आरोग्य सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है।
ऐसे ही कंटेंट के लिए देखे कैमफायर न्यूज |