दुनिया का सबसे ऊंची शिव की मूर्ति, जिसे 250 किमी की हवाएं भी डिगा नहीं सकती है।
ऊंची शिव की मूर्ति, जिसे 250 किमी की हवाएं भी डिगा नहीं सकती हैं और यह मूर्ति राजस्थान में स्तिथ है। हनीमून ट्रिप के साथ-साथ खान-पान के लिए भी जाना जाता है। यहां राजा-महाराजाओं के किले भी काफी मशहूर हैं, लेकिन आज आपको एक खास जगह की यात्रा करने जा रहे हैं। यह है राजसमंद जिले के नाथद्वारा में श्रीनाथ जी की पवित्र धरा पर स्थित 369 फीट की विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा ‘विश्वास स्वरूपम’ का। 51 बीघा की पहाड़ी पर बनी है शिवजी की मूर्ति इसे तत पदम् संस्था ने बनवाया है।
भगवान शिव की इस प्रतिमा का वजन करीब 30 हजार टन है। दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा की अपनी एक अलग ही खासियत है। आपको जानकार हैरानी होगी कि नेपाल में जो शिव की प्रतिमा है, उससे भी ढाई गुनी ऊंची है नाथद्वारा की शिव प्रतिमा। यह कैलाशनाथ महादेव के नाम से जानी जाती है। यह मूर्ति विश्व की अकेली ऐसी प्रतिमा होगी, जिसमें लिफ्ट, सीढ़ियां और श्रद्धालुओं के लिए हॉल भी बनाया गया है।
आपको बता दें कि प्रतिमा के अंदर सबसे ऊपरी हिस्से में जाने के लिए 4 लिफ्ट और तीन सीढ़ियां बनाई गई हैं।
इसके निर्माण में साढ़े 4 साल का समय और 300 से ज्यादा कारीगारों की मेहनत लगी है। इसमें 3000 टन स्टील और लोहा, 2.5 लाख क्यूबिक टन कंक्रीट और रेत का इस्तेमाल किया गया है। इतनी ऊंची मूर्ति को इस ढंग से बनाया गया है कि 250 किमी रफ्तार से चलने वाली हवाएं भी मूर्ति को प्रभावित नहीं करेगी। ये मूर्ति इतनी उंची है कि आप इसे 20 किमी की दूरी से ही दिखाई देने लगती है। इसे आप उदयपुर-राजसमंद हाइवे से भी देख सकते हैं।
यह उदयपुर शहर से लगभग 45 किलोमीटर दूर है। रात के समय यहां का नजारा अद्भुत हो जाता है। 3डी रोशनी से जगमग होने के बाद आंखें एकदम से ठहर जाती है। इसे बनाने वाले मूर्तिकार का दावा है कि इस मूर्ति को ढाई हजार साल तक कुछ नहीं होगा। नाथद्वारा पहुंचने के लिए बस, रेल और हवाईजहाज तीनों सुविधाएं उपलब्ध हैं। उदयपुर तक पहुंचने के बाद आप बस या कार से यहां तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
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