इस दिन आंवले की पेड़ की पूजा क्यों करनी चाहिए?
आमलकी एकादशी का हिंदू धर्म में इतना महत्व क्यों है? इस दिन आंवले के पेड़ की विशेष पूजा क्यों होती है? ऐसा क्यों कहा जाता है कि इस व्रत को करने से विष्णु लोक की प्राप्ति होती है। इन सारे सवालों का जवाब इस लेख में आज हम जानेंगे।
सबसे पहले ये बता दें कि आमलकी एकादशी का व्रत इस बार 3 मार्च यानी शुक्रवार को मनाया जाएगा। ऐसा माना जाता है कि आमलकी एकादशी व्रत से जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति मिलती है। आमलकी एकादशी व्रत को रंगभरी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
भगवान विष्णु के साथ आंवले की पेड़ की पूजा करें
फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि इस बार तीन मार्च को है। इस दिन आमलकी एकादशी व्रत रहेगा। इस दिन भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की तो पूजा की ही जाती है, साथ ही आंवले के पेड़ की भी पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु के साथ आंवले के पेड़ की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। मनुष्य जीवन-मरण के बंधनों से मुक्त हो जाता है। इसलिए इसे आमलकी एकादशी कहते हैं।
इस दिन को रंगभरी एकादशी भी कहते हैं
आमलकी एकादशी को रंगभरी एकादशी भी कहा जाता है। दरअसल, आमलकी व्रत के साथ ही ब्रज की मशहूर होली का त्योहार शुरू हो जाता है। इसलिए रंगभरी एकादशी भी कहा गया है। रंगभरी एकादशी के दिन श्रीकृष्ण मंदिरों में अबीर-गुलाल और फूलों की होली खेली जाती है।
आमलकी एकादशी मनाने की कथा यह है
आइए अब आमलकी कथा के बारे में जानते हैं। पौराणिक कथा के अनुसार भगवान विष्णु की नाभि से ब्रह्माजी की उत्पत्ति हुई थी, ताकि सृष्टि का सृजन किया जा सके। हालांकि ब्रह्माजी ने प्रकट होने के बाद वह स्वंय के बार में जानना चाहा। इसके लिए उन्होंने भगवान विष्णु की तपस्या शुरू कर दी। ब्रह्माजी के कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु जी ने उन्हें दर्शन दिए।
भगवान विष्णु को अपने समक्ष देख ब्रह्माजी भावुक हो गए और उनकी आंखों से आंसू छलक गए। ऐसा कहा जाता है कि उनके आंसुओं से ही आंवले के पेड़ की उत्पत्ति हुई। शास्त्रों के अनुसार उस दिन एकादशी तिथि थी। तब भगवान विष्णु ने कहा कि जो भी फाल्गुन शुक्ल एकादशी को व्रत रखकर आंवले के पेड़ के नीचे उनकी पूजा करेगा या फिर पूजन में आंवले का फल उन्हें अर्पित करेगा उसे जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति मिल जाएगी।
इस दिन आंवला के साथ इन चीजों का करें दान
इस दिन कुछ विशेष चीजों का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। आपको बता दें कि भगवान विष्णु को पीला रंग काफी पसंद है। इसलिए इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए। इस दिन पीले रंगे के फल, वस्त्र, हल्दी का दान करना चाहिए। साथ ही आंवले का भी दान करना चाहिए।
ऐसे ही कंटेंट के लिए देखे कैमफायर न्यूज |