सच्चे मन से पूजा करें तो आर्थिक संपन्नता बढ़ती है
विनायकी चतुर्थी फाल्गुन मास में मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है। यह फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। यह दिन प्रथम पूज्य भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन भगवान श्रीगणेश का पूजा-अर्चना करना लाभदायी होता है।
विनायकी चतुर्थी के दिन आप भगवान गणेश का सच्चे मन से पूजा करें तो परिवार में सुख-समृद्धि, धन-दौलत और आर्थिक संपन्नता बढ़ती है। इसके साथ-साथ ज्ञान में वृद्धि होती है और बुद्धि की प्राप्ति होती है। आपको यह भी बता दें कि कई लोग विनायकी चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी भी कहते हैं।
घर में सुख-शांति के लिए करें यह व्रत
विनायकी चतुर्थी पर गणपति बप्पा के लिए व्रत करने के साथ ही भगवान विष्णु और महालक्ष्मी का अभिषेक करें। गुरु ग्रह के लिए पीली चीजों का दान करें। ऐसा माना जाता है कि विनायकी चतुर्थी का व्रत करने से घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
जैसा की आपको ज्ञात है कि चतुर्थी तिथि के स्वामी गणेश जी हैं, क्योंकि ये भगवान के जन्म की तिथि है। इस वजह से सालभर की सभी चतुर्थियों पर गणपति जी की विशेष पूजा और व्रत किया जाता है।
विनायकी चतुर्थी पर गणेश मंत्रों का जाप करें
विनायकी चतुर्थी पर पूजा के समय गणेश मंत्रों का जप करें। मंत्रों का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए। इस मंत्र का जाप करें- श्री गणेशाय नम:, ऊँ गं गणपतयै नाम:, ऊँ सुमुखाय नम:, ऊँ एकदंताय नम:, ऊँ गजाननाय नम:। इस तरह आप मंत्रों का जाप करेंगे तो आपको फलदाय लाभ की प्राप्ति होगी।
चतुर्थी व्रत पर आप इस तरह करें पूजा
विनायकी चतुर्थी पर सबसे पहले स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें। घर में गणेशजी की प्रतिमा स्थापित करें। भगवान गणेश को जल, पंचामृत और फिर जल से अभिषेक करें। फूलों से शृंगार करें। दूर्वा, फूल, चावल, फल और प्रसाद चढ़ाएं और धूप-दीप जलाएं।
इसके बाद गणेशजी के मंत्र का जाप करते हुए आरती करें। गणेश जी के समक्ष चतुर्थी व्रत का संकल्प लें। इस दिन आपको अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए। फलाहार करें। इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं। यशाशक्ति अनुसार दक्षिणा दें।
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