सोमवार को होने से शुभ योग बन रहा है।
गुप्त नवरात्र के माघ मास का सोमवार को समापन हो जाएगा। 30 जनवरी यानी सोमवार को नवरात्र का पारण है। जो भी भक्त नवरात्र में 9 दिनों का व्रत रखते हैं, वे 30 जनवरी को पारण करके व्रत को पूरा करेंगे। इस इस दिन मां सिद्धिदात्री की भी पूजा होगी और नवरात्र का हवन भी किया जाएगा। सोमवार को ये तिथि होने से इस दिन देवी दुर्गा के साथ ही शिव जी और चंद्र ग्रह की पूजा का शुभ योग बन रहा है।
इस योग में की गई पूजा से कुंडली के ग्रह दोष भी शांत हो सकते हैं। आपको बता दें कि गुप्त नवरात्र के अंतिम दिन छोटी कन्याओं को खाना खिलाने की परंपरा है। दरअसल, छोटी कन्याओं के देवी का रूप माना जाता है, इस वजह देवी पूजा के साथ ही छोटी कन्याओं की पूजा की जाती है, उन्हें खाना खिलाया जाता है। इसके साथ ही दान-दक्षिणा दी जाती है।
गुप्त नवरात्र को भक्त गुप्त रूप से कठिन साधना करते हैं
वैसे तो गुप्त नवरात्र में देवी की भक्तों के द्वारा गुप्त रूप से कठिन साधनाएं की जाती हैं, लेकिन सामान्य भक्त भी देवी दुर्गा की सामान्य पूजा इन दिनों में कर सकता है। गुप्त नवरात्र के अंतिम दिन यानी सोमवार को देवी दुर्गा के साथ ही शिव जी की पूजा करें। सोमवार का कारक ग्रह चंद्र है और इस वजह से सोमवार को चंद्र ग्रह के लिए भी विशेष पूजा करनी चाहिए।
सुबह जल्दी स्नान कर और विधिवत पूजा करें
इस दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद घर के मंदिर में या किसी अन्य मंदिर में पूजा की व्यवस्था करें। सबसे पहले गणेश जी की पूजा करनी चाहिए। गणेश पूजन के बाद देवी दुर्गा और शिव जी की पूजा शुरू करें। देवी दुर्गा की प्रतिमा और शिवलिंग का जल, दूध और पंचामृत से अभिषेक करें और फिर जल चढ़ाएं। चंदन, हार-फूल से शृंगार करें। बिल्व पत्र, धतूरा, आंकड़े के फूल शिव जी को चढ़ाएं। देवी दुर्गा को लाल चुनरी और लाल फूल के साथ सुहाग का सामान जैसे कुमकुम, सिंदूर, हल्दी, मेंहदी, चूड़ियां आदि चीजें अर्पित करें। इसके बाद भगवान को मिठाई का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें। शिव जी के मंत्र ऊँ नम: शिवाय का जप करें। देवी दुर्गा के मंत्र दुं दुर्गायै नम: मंत्र का जप करें।
ऐसे ही कंटेंट के लिए देखे कैमफायर न्यूज |