अभी दिल्ली से जयपुर पहुंचने में करीब 5 घंटे लगते हैं
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले हरियाणा के सोहना से राजस्थान के दौसा के बीच का स्ट्रेच का उद्घाटन कर दिया है। मंगलवार से इस पर ट्रैफिक शुरू कर दिया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे पर ऑटो, बाइक चलाने पाबंदी रहेगी। देश के सबसे लंबे ग्रीन कॉरिडोर पर ऑप्टिकल फाइबर केबल, पाइपलाईन, सौर ऊर्जा एवं वाटर हार्वेस्टिंग के लिए खास इंतजाम हैं। आइए जानते हैं कि देश में कितने एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है, जो आगामी समय में बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेंगे।
एक्सप्रेस-वे को भारतमाला परियोजना के तहत बनाया जा रहा है।
पहले चरण 1 में इसदिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे को 350 किलोमीटर का बनाया जाएगा। इस दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे में हर 100 किलोमीटर पर ट्रामा सेंटर बनाए जाएंगे। इस पर जानवरों से होने वाली दुर्घनाओं को कम करने का उपाय भी किया गया है।यह पहला दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे होगा, जिसमें दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के बीच 12 हेलीपैड भी होंगे। हेलीपैड्स का इस्तेमाल दुर्घटनाओं के समय या फिर रक्षा से जुड़े मामलों के लिए किया जाएगा। इस एक्सप्रेस-वे से दिल्ली से मुंबई का सफर 12 घंटे में तय किया जा सकेगा। 8 से 12 लेन के इस एक्सप्रेस-वे की अनुमानित लागत लगभग 1 लाख करोड रुपए है।
द्वारका एक्सप्रेस-वे
यह देश का पहला एलिवेटेड अर्बन एक्सप्रेस-वे है। इसकी लागत 9000 करोड़ रुपए आँकी गई है। यह एक्सप्रेस-वे लगभग 29 किमी लंबा है। दिल्ली और हरियाणा को आपस में जोड़ने के लिए इस एक्सप्रेस-वे का खास महत्व रहेगा। देश की पहली अर्बन टनल भी इसी एक्सप्रेसवे में है। इससे सोहना रोड, गोल्फ कोर्स रोड और गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन रोड का ट्रैफिक कम होगा। यह 8 लेन का होगा। इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण चार चरणों में किया जाएगा।
गंगा एक्सप्रेस-वे
गंगा एक्सप्रेस-वे ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे होगा। यह एक्सप्रेस-वे उत्तरी यूपी का हिस्सा है। यूपी के मेरठ को प्रयागराज से जोड़ने के लिए बनाए जा रहे इस एक्सप्रेस-वे के पूरे होने की संभावना 2023 या फिर 2024 के आरंभ तक मानी गई है। लगभग 594 किमी लंबे इस एक्सप्रेस-वे के पहले चरण में 6000 करोड़ तक की लागत लग चुकी है। 12 से अधिक जिलों को जोड़ने वाले इस एक्सप्रेस-वे में गंगा के आखिरी किनारे तक बने हुए गांव तक कनेक्टिविटी मिलेगी। इस एक्सप्रेस-वे पर शाहजहांपुर में एक हवाई पट्टी भी बनाई जाएगी, जहां पर आपातकाल में सेना के विमान उतारने की सुविधा होगी।
मुंबई–नागपुर एक्सप्रेस-वे
701 किमी लंबा यह एक्सप्रेस वे 6 लेन का होगा। 390 गांव से होकर गुजारेगा और महाराष्ट्र के 10 जिलों को जोड़ेगा। यह भी ग्रीन फील्ड योजना के तहत बन रहा है। इसकी शुरुआत 2015 में की गई थी। इसे 55000 करोड़ से बनाया जा रहा है। इससे मुंबई से नागपुर का सफर 16 घंटे से घटकर 8 घंटे हो जाएगा।
दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे
दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे का काम तेज़ी से चल रहा है। एक्सप्रेस-वे का जो हिस्सा हरियाणा से होकर गुजरेगा उसके 2024 तक बन कर तैयार होने की संभावना है। अभी दिल्ली से वैष्णो देवी और कटरा जाने की जो दूरी लोगों को 14 घंटे में तय करनी पड़ती है।
इस एक्सप्रेसवे के आने के बाद यह दूरी 8 घंटे में तय होगी। 4 लेन में बनाए जा रहे इस एक्सप्रेसवे पर फूड कोर्ट, ट्रक स्टॉप, पुलिस स्टेशन, फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस जैसी सभी सुविधाएं होंगी।
अहमदाबाद–धोलेरा एक्सप्रेस-वे
अहमदाबाद–धोलेरा एक्सप्रेस-वे 4 लेन का है। यह एक्सप्रेस-वे सरखेज में सरदार पटेल रिंग रोड से नवगाम में धोलेरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बीच से गुजरता है और आगे चलकर यह धोलेरा एसआईआर को भी जोड़ता है। इस एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन दिल्ली मुंबई कॉरिडोर के तहत ही खरीदी गई थी। एक्सप्रेसवे सद्भाव इंजीनियरिंग, जीवीएच इंडिया और डीआरए इंफ्राकॉन द्वारा बनाया गया है। 3000 करोड़ की लागत में बन रहे इस एक्सप्रेसवे को ईपीसी मॉडल पर बनाया जा रहा है।
बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेस-वे
बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेस-वे दक्षिण भारत के तीन राज्यों से होकर गुजरने वाला है। यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे है, जो भारतमाला परियोजना के तहत बनाया जा रहा है। 18,000 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे इस एक्सप्रेस वे से चेन्नई और बेंगलुरु के बीच की दूरी तय करने में केवल 6 से 7 घंटे ही लगेंगे।
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का कम 2023 तक होगा। यह एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर और जालौन जिलों से होकर गुजरेगा और बुंदेलखंड क्षेत्र को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और यमुना एक्सप्रेस-वे के जरिए दिल्ली से जोड़ेगा।
रायपुर–विशाखापत्तनम एक्सप्रेस-वे
रायपुर से विशाखापट्टनम मार्ग पर 463 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे बन रहा है। वर्तमान में रायपुर से विशाखापट्टनम जाने में करीब 12 घंटे लगते हैं। अभी छत्तीसगढ़ से इसकी दूरी तकरीबन 546 किलोमीटर है। कॉरिडोर बन जाने से यह दूरी घटकर 463 किलोमीटर हो जाएगी।
भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे
वर्तमान में लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे है। यह छह लेन वाली 302.222 किलोमीटर लंबी सड़क है। इससे दोनों शहरों के बीच यात्रा साढ़े पांच घंटे से घटकर तीन घंटे की हो गई है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे 165 किमी के यमुना एक्सप्रेसवे से कनेक्टिविटी देकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की यात्रा और सुगम बनाता है।
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