इन चीजों का सोमवती अमावस्या पर दान करने से मिलता है अक्षय पुण्य
सोमवती अमावस्या फाल्गुन मास की काफी खास होता है। इस दिन दान-पुण्य करने से तरक्की के रास्ते खुलते हैं। पवित्र नदियों में स्नान करने से पाप से भी मुक्ति मिलती है। दरअसल, हिंदू धर्म में शुभ तीथियों पर स्नान-दान का विशेष महत्व होता है। इसका वेद-ग्रंथों में भी जिक्र मिलता है। दिन पितरों को याद किया जाता है। इसलिए लोग श्राद्ध-कर्म करते हैं। इसस घर परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। आपको बता दें कि जब सोमवार को अमावस रहती है तो इसे सोमवती अमावस्या कहते हैं।
क्या-क्या दान करना चाहिए
कुछ विशेष चीजों का दान करने से अक्षय पुण्य मिलता है। यहां आपको बताते हैं कि पितरों को याद करते हुए क्या-क्या चीजों का दान करना चाहिए। इस दिन कुछ खास चीजें ही दान करनी चाहिए ताकि आपको इसका लाभ मिल सके।वस्त्रों का दान जरूर करना चाहिए। खासकर धोती और गमछा को आप दान स्वरूप दे सकते हैं। पितरों को चांदी से बनी वस्तुओं को भी दान किया जा सकता है। वहीं भोजन के रूप में आप दूध-चावल का दान कर सकते हैं। इससे पितर खुश हो जाते हैं और आपको आशिर्वाद देते हैं। तिल का भी दान कर सकते हैं। पितरों को ध्यान करके काले तिल का दान करना चाहिए। वहीं पर भूमि दान भी किया जा सकता है। भूमि दान को महादान कहा गया है।
ऐसे करें पूजा-अर्चना
सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले स्नान करें। इसके बाद सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें। घर में सबसे पहले पूजा-पाठ कर लें। इसके बाद पितरों के पूजा के लिए तैयारी करें। गोबर से बने कंडे जलाएं और धूप-दीप जलाएं। इसके बाद पितरों का ध्यान करते हुए गुड़-घी अर्पित करें। अब हथेली में पानी लेकर पितरों के लिए अर्पित करें।
पितरों की पूजा करने के बाद जरूरतमंदों को भोजन कराएं
पितरों की पूजा-पाठ करने के बाद जरूरतमंदों को भोजन कराना न भूलें। इसके बाद अनाज और धन का दान करना चाहिए। गरीबों को आप यथाशक्ति दान दें। जैसा कि आप जानते हैं कि हिंदू धर्म में पिंडदान का बड़ा महत्व होता है। इसलिए जिन लोगों ने अपने पितरों का पिंडदान नहीं किया है, वे लोग ये दिन पिंडदान कर सकते हैं। इससे पितृ दोष से मुक्ति मिलेगी।
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